• Menu
  • Menu

मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के बारे में जानें

Chausath Yogini Temple Mitaoli: भारत में मुख्यतः चार चौसठ योगिनी मंदिर हैं। ओडिशा में दो और मध्य प्रदेश में दो हैं लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित 64 योगिनी मंदिर इन सभी में एक विशेष स्थान रखता है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में

चौसठ योगिनी मंदिर मितावली मध्य प्रदेश

चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना

मुरैना जिले में पड़ावली के पास मितावली गांव में चौसठ योगिनी मंदिर स्थित है। मंदिर का नाम इसमें 64 कमरे के कारण चौसठ योगिनी मंदिर नाम रखा गया है, यह मंदिर भूमि से 300 फीट ऊपर है जो गोलाकार में बना हुआ है। इस मंदिर में कुल 64 कमरे और 101 खंभे हैं, प्रत्येक कमरे में एक शिवलिंग के साथ योगिनी की मूर्ति है कुछ योगिनियां चोरी हो गईं लेकिन बाकी को संग्रहालय में रखा गया है। इस मंदिर को इकंतेश्वर या इकोत्तरसो मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के बीच में भगवान शिव लिंग को स्थापित किया गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार पहले इस मंदिर में रात के समय तंत्र-मंत्र की शिक्षा दी जाती थी इस कारण से कोई इंसान आज भी रात में चौसठ योगिनी मंदिर में नहीं रहता है।

मंदिर का इतिहास

विक्रम संवत 1383 में निहित एक शिलालेख के आधार पर मुरैना जिले के मितावली गाँव में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर की स्थापना कच्छपघाट के राजा देवपाल द्वारा की गई थी। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस मंदिर को प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह मंदिर सुंदरता और अनुग्रह का एक विशिष्ट उदाहरण है। मंदिर की भव्यता को बाहर से ही देखा जा सकता है।

कई सारे इतिहासकारों और लोगों का मानना है की ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने चौसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित होकर पुराने भारतीय संसद भवन का निर्माण किया गया है लेकिन अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नही मिला है। ज्यादातर सभी लोग संसद भवन और मंदिर की बनावट एक जैसी होने के कारण कहते है की इस मंदिर से प्रेरित होकर एडविन लुटियंस ने संसद भवन तैयार किया।

चौसठ योगिनी मंदिर का मुख्य मंडप
चौसठ योगिनी मंदिर का मुख्य मंडप

चौसठ योगिनी मंदिरों से सम्बंधित पौराणिक कथा

भारत में केवल चार जगह ही चौसठ योगिनी मंदिर है और इनके बनने के पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है पौराणिक कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने एक राक्षस को मारने के लिए 64 देवताओं और देवी का रूप लिया है इसी कारण से इन चौसठ योगिनी मंदिरों, जिन्हें जोगिनियों के रूप में भी जाना जाता है की स्थापना की गई थी।

मंदिर का फोटो


कैसे जायें

इस मंदिर तक पहुंचना बेहद ही आसान है यह मंदिर ग्वालियर से 40 किलोमीटर की दूर पर स्थित है। यदि आप ग्वालियर से जा रहे हैं, तो आप वहां से बस या टैक्सी ले सकते हैं। निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन ग्वालियर में है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल और उड़ानों से जुड़ा हुआ है।

  • निकटतम बस स्टैंड : मुरैना और ग्वालियर बस स्टैंड
  • निकटतम रेलवे स्टेशन : ग्वालियर बस स्टैंड
  • निकटतम हवाई अड्डा : ग्वालियर हवाई अड्डा

Places To Visit Near Chausath Yogini Temple

  • सिहोनिया : सिहोनिया में स्थित शिव मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसे अब काकानाथ के नाम से जाना जाता है मंदिर को ग्यारहवीं शताब्दी में एक बड़े पैमाने पर बनाया गया था और कच्छप वंश के कुछ शेष शाही मंदिरों में से एक है।

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *