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तातापानी के बारे जानें, जहाँ से निकलता है गर्म जल

Tatapani Balrampur Chhattisgarh: प्रकृति अपनी गोद में कई रहस्यों को समेटे हुए है उन्हीं में से एक रहस्य छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में है जिसे तातापानी के नाम से जानते हैं, यहां धरती से निकलते गर्म जल का श्रोत है जिसे देखने कई सारे लोग आते है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

तातापानी

तातापानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां प्राकृतिक रूप से धरती से गर्म जल निकल रहा है यह लोगो को आश्चर्य से भर देता है इसलिए यह प्रदेशभर में प्रसिद्ध है और इसे देखने काफ़ी सारे लोग आते हैं। स्थानीय भाषा में ताता का अर्थ होता है “गर्म” इसलिए इस जगह का नाम तातापानी पड़ गया। यहां का पानी इतना गर्म होता है कि लोग यहां के गर्म पानी से आलू, चावल अंडे तक पका लेते हैं।

तातापानी
तातापानी में स्थित शिव जी की विशाल प्रतिमा

स्थानीय लोगो में प्रचलित मान्यताएँ

यहाँ के स्थानीय लोगों के द्वारा मान्यता है कि भगवान श्री राम जी के द्वारा खेल खेल में सीता जी की ओर पत्थर फेका जो सीता माता के हाथ में रखे गर्म तेल के कटोरे से जा टकराया और गर्म तेल जमीन में गिर गया तब से गिरे हुए तेल के स्थान पर गर्म पानी निकलने लगा।

एक और मान्यता यह भी है कि भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं जब धरती पर आए तो उन्होंने नहाने के लिए गर्म जल कुंड का निर्माण किया और इसी मान्यता के कारण यहां हर वर्ष मकर संक्रान्ति त्यौहार में मेला लगता है तब लाखों की संख्या में लोग आते हैं और मेले के साथ गर्म जल श्रोत का आंनद लेते हैं l कहा यह भी जाता है कि यहाँ के गर्म पानी से और मिट्टी से चर्म रोग दूर हो जाते है। इस वजह से कई सारे चर्मरोगी यहां के पानी में स्नान करने पहुंचते हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के जमीन में सल्फर कि मात्रा अत्यधिक है। इसी कारण से यहां का पानी गर्म हो जाता है, यहां के पानी में भी सल्फर की गंध आती है। इसके अलावा यहाँ शिव जी एक विशाल प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई लगभग 60 फीट है जो लोगो को अपनी और आकर्षित करती है। इस शिव प्रतिमा के नीचे भारत के अलग अलग कोने में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग को प्रतीकात्मक रूप से स्थापित किया गया है। यहाँ एक शिव मंदिर भी जहाँ के मूर्तियाँ 400 वर्ष पुरानी हैं, मंदिर के बाहर भी कई सारे भगवानों की मूर्तियाँ है जो तालाब खुदाई करने के दौरान मिली।

तातापानी शिव मंदिर

यहाँ पर आपको शिव मंदिर भी देखने को मिलेगा, आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि मंदिर के अंदर रखी मूर्ति लगभग चार सौ वर्ष पुराना है। इन सभी के अलावा यहाँ विशाल शिव प्रतिमा बनाया गया है जो लोगो को काफी ज्यादा आकर्षित करता है। शिव मंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि में शिवालयाें में पूजा-अर्चना करने भक्तों की भीड़ लगी रहती है और इस समय भगवान शिव की झांकी भी निकाली जाती है।

घुमने जाने का सबसे अच्छा समय

छत्तीसगढ़ के इस रहस्यमई स्थल को देखने कभी भी जा सकते हैं लेकिन अगर आप तातापानी के यात्रा को और भी मनोरंजक, रोमांचक बनाना चाहते हैं तो आप मकर संक्रान्ति त्यौहार में जाएं ताकि आप गर्म जल श्रोत के साथ यहां के मेले का भी मजा ले सकें।

कैसे जायें

  • निकटतम हवाई अड्डा – स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर और  बिरसा मुंडा हवाई अड्डे, रांची, झारखंड।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन –  गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन से 72 किमी और अंबिकापुर रेलवे स्टेशन से 92 किमी दूर है।
  • सडक मार्ग –तातपानी अंबिकापुर-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग 343 पर बलरामपुर जिले में स्थित है। बलरामपुर से 12 किलोमीटर दूर।

Places To Visit Near Tatapani

  • पवई जलप्रपात –  यह झरना बलरामपुर से 16Km की दुरी पर सेमरसोत अभ्यारण  में चनान नदी पर स्थित है। यह लगभग 90 से 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है। पवई वॉटरफॉल स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है विभिन्न अवसरों पर आकर खूबसूरत वॉटरफॉल का आनन्द लेते हैं।
  • सेमरसोत अभ्यारण्यइस अभ्यारण्य में जंगली जंतुओं में तेंदुआ, गौर, नीलगाय, चीतल, सांभर, कोटरा, सोन कुत्ता, इत्यादि जानवर को विचरण करते देखा जा सकता है। यह अभ्यारण्य पर्यटकों के लिए नवंबर से जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
  • डीपाडीह के प्राचीन मंदिर – अगर आपको पुरातात्विक पर्यटन स्थल देखने में रुचि है तो आपको डीपाडीह के प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। यहां के आसपास के क्षेत्रों में आठवीं से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पुरातात्विक अवशेष मिले हैं जिन्हें एक जगह रखा गया है। यह एक खुले मैदान में संग्रहालय की तरह है।

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