Kunkuri Church Jashpur Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के जशपुर में कई सारे प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं उन्ही में से एक है कुनकुरी चर्च Cathedral (Mahagirja Ghar). यह चर्च एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च हैं जिसमें 8000 से 10000 अधिक लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं। क्रिसमस में देश विदेश से लोग आकर प्रभु येशु की प्रार्थना करते हैं और क्रिसमस त्यौहार धूम धाम से मनाते हैं। आइये हम इस चर्च के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कुनकुरी चर्च
कैथेड्रल (महागिरिजा घर) / कुनकुरी चर्च जिला मुख्यालय जशपुर से 16 किलोमीटर दूर कुनकुरी शहर में स्थित हैं। इस चर्च के सौन्दर्य को देखने प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख से अधिक सभी धर्मों के लोग और पर्यटक पहुंचते हैं। यह चर्च अर्ध गोलाकार में बना हुआ है ड्रोन कैमरे से देखने पर ऐसा लगता हैं मानो प्रभु येशु दोनों हाथों को फैलाये हुए अपने पास बुला रहे।
कैथोलिक समुदाय में 7 अंक का विशेष महत्व होता है इसी को ध्यान में रखते हुए इस चर्च का निर्माण किया गया है। इस चर्च में 07 छत और 07 दरवाजें हैं और इनके दरवाज़ों पर साथ संस्कारों ( बपतिस्मा, पवित्र परम प्रसाद ग्रहण, पाप स्वीकार संस्कार, दृढ़ीकरण संस्कार, विवाह संस्कार, पुरोहिताई संस्कार और रोगियों का संस्कार ) के चिन्ह अंकित हैं। इस चर्च को बनाने के लिए ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
यह चर्च एक ही बीम पर टिका हुआ है जो वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। इस चर्च के कई हिस्सों को अलग अलग जगह से लाया गया है जैसे – चर्च के छत को उड़ीसा के राउरकेला से, खिडकियों में बने संस्कार झारखण्ड से बनवाया गया है , इस चर्च में लगे घंटी को केरल से और क्रॉस के उपर बने कबूतर जिसे पवित्र आत्मा का प्रतीक माना जाता है उसे छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से लाया गया है। इस तरह से कुनकुरी चर्च में सभी क्षेत्र के लोगों का सहयोग है।
कुनकुरी चर्च का इतिहास
कुनकुरी चर्च के इतिहास पर एक नज़र – इस चर्च को बिशप स्तानिसलास ने बेल्जियम के सुप्रसिद्ध वास्तुकार कार्डिनल जेएम कार्सी एसजे से इसका नक्शा बनवाया था। इस चर्च का निर्माण कार्य वर्ष 1962 में शुरू हुआ जो वर्ष 1979 मे पूरा हुआ। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद इस महागिरजा घर का लोकार्पण वर्ष 1982 मे हुआ। इस चर्च को पूर्ण रूप से बनने में 17 वर्षों का समय लगा कहा जाता है की इसकी नींव तैयार करने में ही 2 वर्षों का समय लगा था।
कुनकुरी शहर बसने में इस चर्च की अपनी अहम भूमिका है। इस चर्च के बनने के बाद यहाँ लोयोला स्कूल, होलीक्रॉस अस्पातल बना जिसके बाद से आसपास क्षेत्र में लोग बसने लगे। इससे पहले कुनकुरी एक छोटा सा गाँव था लेकिन आज के समय में यह शहर बन चूका है।
कुनकुरी चर्च कैसे जाएँ
कुनकुरी चर्च तक पहुँचना बेहद ही आसान है आप अपने वाहनों या बस से भी जा सकते हैं
- निकटतम बस स्टैंड – कुनकुरी बस स्टैंड, यह जशपुर सडक मार्ग द्वारा रायगढ़, अंबिकापुर, रांची के साथ जुड़ा हुआ है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन – रांची रेलवे स्टेशन और अंबिकापुर रेलवे स्टेशन
- निकटतम हवाई अड्डा – हवाई अड्डा रांची इस हवाई अड्डे से कोलकाता, दिल्ली, पटना, मुंबई, वाराणसी, लखनऊ और काठमांडू जैसे शहरों से नियमित उड़ानें हैं।
Places To Visit Near Kunkuri Church
अगर आप कुनकुरी चर्च आते हैं तो आपको जशपुर जिले में स्थित अन्य पर्यटन स्थलों में अवश्य जाना चाहिए नीचे जशपुर जिले के पर्यटन स्थलों के नाम और उनके बारे में संक्षेप में बताया गया है।
- Dangari Waterfall – यह जशपुर में स्थित सबसे खूबसूरत वॉटरफॉल है जो घने जंगलों में है। अगर आप जशपुर जाते हैं तो इस प्राकृतिक स्थल को देखना न भूलें। इस जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 100 फीट है और तीन भागों में गिरता है दूर से देखने में ऐसा लगता है मानो एक साथ कई झरने हों। यह स्थानीय लोगों के लिए पिकनिक मनाने के लिए सबसे अच्छा स्थल है यहाँ स्थानीय लोग अक्सर पिकनिक मनाने आते रहते हैं।
- कैलाशगुफा – जशपुर जिले के सभी पर्यटन स्थलों में से यह एक ऐसा पर्यटन स्थल हैं जहाँ काफ़ी ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं। यहाँ हर वर्ष शिवरात्रि में भव्य मेला लगता है जिसमे दूर दूर से लोग शामिल होते हैं। स्थैनिया लोगों में मान्यत है की संत गहिरा गुरु ने यहीं तपस्या कर शंकर जी को प्रशन्न किया था।
- राजपुरी झरना – राजपुरी झरना जशपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर बगीचा के पास स्थित है। इस झरना की ओर प्रकृति प्रेमी खींचे चले आते हैं। इसके साथ ही यह झरना पिकनिक के लिए सबसे अच्छे स्थलों में से एक है।
mujhe christion dharm apnana hai kya karu