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स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब) रायपुर

इस लेख में हमने रायपुर में स्थित स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब) के बारे में बताया है, रायपुर में घुमने के लिए कई सारे स्थल है उन्हीं में से एक यह भी है। आइये विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।

स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब) रायपुर

स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब)

स्वामी विवेकानन्द सरोवर जिसे बूढ़ा तालाब के नाम से भी जानते हैं, यह रायपुर के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यहाँ तालाब के बीच में कांसे से बनी स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा है। यहाँ कई लोग पिकनिक और जॉगिंग का करने के लिए जाते है। यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय सूरज डूबने से ठीक पहले का है। शाम को भारी संख्या में लोग यहाँ पहुँचते हैं और खूबसूरत दृश्य का आनंद लेते हैं।

1877 में स्वामी विवेकानन्द अपने पिता विश्वनाथ के साथ इस स्थान पर आये थे। उनके पिता, जो एक वकील के रूप में काम करते थे, वकालत करने के लिए रायपुर आए और वे अपने दोस्त राय बहादुर डे के घर पर रुके। उस समय स्वामी विवेकानन्द मात्र 14 वर्ष के थे। दौरान प्रतिदिन सुबह इस झील पर स्नान करने आते थे और काफी वक्त रायपुर में बिताया है इसीलिए इस झील का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

600 वर्ष पूर्व कल्चुरी वंश के राजाओं ने इस तालाब को खुदवाया था। इतिहासकारों के अनुसार पहले यह लगभग 150 एकड़ के बड़े क्षेत्र में था, लेकिन अब यह छोटा हो गया है और केवल 60 एकड़ में ही सिमट कर रह गया है।

स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा

स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति वास्तव में बहुत बड़ी है, इसकी ऊंचाई 37 फीट है। इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे बड़ी विवेकानंद प्रतिमा के रूप में दर्ज किया गया है। यह कांसे से बना हुआ है। झील पर मूर्ति का प्रतिबिंब अद्भुत दिखता है। शाम के समय, फव्वारा जगमगा उठता है और रंग-बिरंगी रोशनी इस जगह को उज्ज्वल बना देती है। आप थोड़े से शुल्क पर झील पर नौकायन भी कर सकते हैं।

स्वामी विवेकानन्द सरोवर कैसे जाएं?

स्वामी विवेकानन्द सरोवर रायपुर शहर के केन्द्र से लगभग 3.3 किलोमीटर की दुरी है। झील तक पहुँचने के लिए आप स्थानीय बसें, ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन रायपुर में है जो लगभग 3.5 किलोमीटर दूर है, और निकटतम हवाई अड्डा 16 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा आप अपने निजी वाहन से भी आसानी से पहुँच सकते हैं।

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