• Menu
  • Menu

कुदरगढ़ मंदिर के बारे में जाने

छत्तीसगढ़ में कई सारे प्राकृतिक सौंदर्य के उनके अलावा ढेर सारे धार्मिक स्थल भी हैं जो अपने साथ एक अलग कहानी संजोए हुए हैं उन्हीं में से एक मंदिर है कुदरगढ़ मंदिर। यह सरगुजा अंचल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है एक है जहाँ रोजाना भारी संख्या में लोग देवी के दर्शन करने जाते हैं। इस मंदिर से जुडी कई कहानियाँ हैं जिनके बारे में हमने नीचे बताया है।

कुदरगढ़ मंदिर

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में ओड़गी ब्लाक मुख्यालय से लगभग 06 किलो मीटर की दूरी पर स्थित कुदरगढ़ वन में शक्ति पीठ मां बागेश्वरी बाल रूप में कुदरगढ़ी देवी का निवास स्थान है जिसे लोग कुदरगढ़ मंदिर के नाम से जानते हैं।

यह मंदिर घने जंगलों के बीच 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में विराजमान कुदरगढ़ी देवी का महत्व सरगुजा अंचल में काफी ज्यादा है। इस मंदिर से संबंधित मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु भक्त सच्चे मन से जो कुछ भी मांगते हैं सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

कुदरगढ़ी देवी के दर्शन करने के लिए आपको लगभग 750-800 सीढ़ियां चढ़ना पड़ता है जिसके बाद ही आप माँ कुदरगढ़ी के दर्शन कर सकते हैं। आसपास हरियाली और अठखेलियां करते बंदर और खूबसूरत झरना, सीढ़ियां चढ़ने के लिए आपको प्रेरित करेंगे।

सीढ़ियां चढ़ने के दौरान आपको बीच में सूरज झरना देखने को मिलेगा जो आसपास के वातावरण और भी खुश नुमा बना देते हैं कई सारे भक्त  कुदरगढ़ी देवी के दर्शन करने से पहले यहाँ स्नान करते हैं।

Kudargarh की सूरज धारा
कुदरगढ़ की सूरज धारा

कुदरगढ़ी देवी

कुदरगढ़ी देवी

वर्तमान में जहाँ कुदरगढ़ी देवी का मंदिर है उसे कुदरगढ़ वन के सबसे ऊपरी चोटी में एक विशाल बरगद के नीचे एक बड़े से चट्टान को काटकर कुदरगढ़ी माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। देवी की मूर्ति लाल पत्थर की अष्टभुजी महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की है जिसे चाँदी के मुकुट एवं सोने की छत्र इत्यादि से सजाया जाता है।

कुदरगढ़ी माता के पुराने धाम से नए जगह स्थापित करने की पीछे स्थानीय लोगों के बीच कई सारे किवदंतियां प्रचलित है। 

एक किवदंती यह है की एक बार माँ देवी के दर्शन करने कई सारे भक्त आये हुए थे उनमे से एक औरत अपने छोटे से बच्चे के साथ आई थी, पहले जहाँ देवी विराजमान थी वहाँ जाने के लिए खतरनाक रास्तों से होकर जाना पड़ता था आसपास खाई भी थी, उसी खाई में औरत का बच्चा नीचे गिर जाता है और वह औरत विलाप करने लगती है और माँ देवी से और आसपास खड़े भक्तों को कहने लगी की क्या तुम्हारे देवी की कोई शक्ति नही है, इसी दौरान देवी एक भक्त में समा गई और बोली जाओ अपने बच्चे को जाकर देखो वह नीचे खेल रहा होगा। सभी लोग फ़ौरन नीचे गए, नीचे जाने के बाद आश्चर्य का ठिकाना न रहा बच्चा सही सलामत खेल रहा था।

इस घटना के बाद पुजारी के सपने में आकर माता ने कहा की यहाँ से ले चलो वरना अन्य कोई अप्रिय घटना होने पर लोग हमें कोसने लगेंगे। इस घटना के बाद पुजारी ने नए स्थान में मूर्ति को स्थापित किया।

कुदरगढ़ मंदिर का वीडियो

मेला

कुदरगढ़ मेला का आयोजन हर वर्ष चैत्र नवरात्र में किया जाता है बड़ी संख्या में लोग माँ कुदरगढ़ी के दर्शन करने आते हैं। घने जंगल के बीच मंदिर के आसपास चहल कदमी और मेले में लगे झूले और आसपास की हरियाली का संगम देखने लायक होता है।

माँ बाघेश्वरी के दर्शन करने सरगुजा अंचल के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी आते हैं लोगों में मान्यता है की देवी के दर्शन करने से हर प्रकार के दुःख दर्द से छुटकारा मिल जाता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यहाँ पर लोगों की मनोकामनाएं पूरी होने पर लोग बकरे का बलि देते हैं, इस जगह पर वर्षभर में हजारों बकरे बलि चढ़ते हैं।

कैसे जायें

इस मंदिर तक जाने के लिए आप टैक्सी या फिर अपने वाहन से जा सकते हैं। आपको मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 1000 सीढ़ी चढ़ना पड़ेगा।

  • निकटतम बस स्टैंड – सूरजपुर बस अड्डा
  • निकटतम हवाई अड्डा – रायपुर हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन – सूरजपुर रेलवे स्टेशन 

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *