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बस्तर जिले के रहस्यमय कोटमसर गुफा के बारे में जानें

Kotumsar Cave: छत्तीसगढ़ अपनी आदिवासी संस्कृति के साथ कई आश्चर्यजनक प्राकृतिक स्थल को अपने गोद में लिए हुए है, उन्हें में से एक है कोटमसर गुफा जिसे कुटुमसर के नाम से भी जानते हैं। यह हैरत अंगेज प्राकृतिक भूमिगत गुफा के लिए जाना जाता है, आइए हम विस्तारपूर्वक इस गुफा के बारे में जानते हैं।

kotumsar cave
कोटमसर गुफा के अन्दर का नज़ारा

कोटमसर ( कुटुमसर ) गुफा

यह गुफा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर के समीप कांगेर वेली राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इस गुफा को मूल रूप से  गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) के नाम से जाना जाता था लेकिन यह गुफा यह ‘कोटसर’ गाँव के पास स्थित होने के कारण इस गुफा का नाम कोटमसर ( कुटुमसर ) हो गया। यह गुफा प्रक्रति प्रेमियों के लिए किसी अमूल्य उपहार से कम नही है।

इस गुफा की गहराई लगभग 54 से 120 फीट है और लंबाई 4500 मीटर है। यह समुद्र ताल से लगभग 560 मीटर की ऊँचाई पर है। कोटमसर गुफा अपने आप में रोचक इसलिए है क्योंकि इसके अंदर की बनावट बहुत ही खूबसूरत है गुफा के अंदर चूना पत्थर से बनी आकृतियां है जिन पर प्रकाश पड़ने पर कई तरह की आकृतियां नज़र आती हैं।

कुटुमसर की गुफा में बनी आकृतियां

इस गुफा के भीतर चुने हुए पत्थर से बने स्टेलाइटाइट और स्टैलेग्माइट आकृतियां पाई जा सकती हैं। इस गुफा में बहुत अधिक अंधेरा रहता है जब इन पर टॉर्च की रौशनी पड़ती है तो यहां चूना पत्थर से बनी विभिन्न आकृतियां चमक उठती है जिन्हें देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। आपको इन आकृतियों में जितने रूप पसंद हैं, उतने ही रूप देखने को मिलेंगे।

इस गुफा के अंदर बनी आकृतियां चूना पत्थर, कार्बनडाईऑक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया के कारण उपर से नीचे की ओर कई सारी प्राकृतिक संरचनाएं बन गई है जो अब भी धीरे धीरे बनते ओर बढ़ते जा रहे है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है साथ ही यह कोटमसर गुफा ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से जुड़ा हुआ है।

कोटमसर ( कुटुमसर ) के अंदर कई सारे जीव जंतु है लेकिन पूरे भारत में सिर्फ इस गुफा के अंदर रंग बिरंगे अंधी मछली पाई जाती है। इस मछली के प्रजाति का नाम गुफा के खोजकर्ता प्रो. शंकर तिवारी के नाम पर रखा गया है।

कोटमसर गुफा का इतिहास

इस गुफा की खोज का श्रेय प्रोफेसर शंकर तिवारी को जाता है जिन्होंने सन् 1958 में स्थानीय आदिवासियों के सहायता से इस गुफा की खोज की थी। इस गुफा का निर्माण प्राकृतिक रूप से प्रकृति में कई तरह के बदलाव और पानी के बहाव के कारण इस गुफा का निर्माण हुआ है। कोटमसर गुफा का शुरुआती नाम गोंपसर था लेकिन गुफा के समीप ही कोटमसर ग्राम होने के कारण इस गुफा का नाम कोटमसर गुफा पड़ गया।

शोधकर्ताओं के अनुसार यहां प्रागैतिहासिक काल में आदिमानव निवास करते थे। यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार भगवान राम जी ने अपने वनवास काल के दौरान इस गुफा में वास किया था साथ ही इस गुफा के अंदर शिवलिंग है जिसे स्थानीय लोग कई वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं।

कोटमसर/कुटुमसर गुफा का फोटो


कुटुमसर गुफा को देखने का समय

अगर आप कोटमसर गुफा आने का मन बना रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान में रखना चाहिए। यह गुफा घने जंगल के बीच है जो कई आपको इस गुफा तक जाने के लिए जिप्सी का इस्तेमाल करना होगा जिसका किराया लगभग 1500 रुपए है।

इस गुफा को मानसून के दौरान बंद के दिया जाता है क्योंकि इस समय गुफा में पानी भरने और अन्य जहरीले जीव जंतु से खतरा रहता है। इस गुफा को देखने का सबसे अच्छा समय ठंड के मौसम में होता है।
गुफा में प्रवेश करने से पहले आपके पास एक अधिक रोशनी वाला टॉर्च होना चाहिए ताकि आप इस गुफा के अंदर की खूबसूरती को निहार सकें इसके अलावा आपके पास अच्छे जूते होने चाहिए ताकि गुफा के अंदर फिसलन से बच सकें।

कैसे जाएँ

  • निकटतम हवाई अड्डा – स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर और जगदलपुर हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन – जगदलपुर रेलवे स्टेशन।
  • सडक मार्ग – जगदलपुर कई बड़े शहरो से जुड़ा हुआ है आप वाहनों की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं।

निकटतम पर्यटन स्थल

इस गुफा के अलावा इसके आसपास अन्य कई सारे पर्यटक स्थल हैं जहां आप जा सकते हैं और मनोरम दृश्यों का लुफ्त उठा सकते हैं।

  • तीरथगढ़ जलप्रपात तीरथगढ़ वॉटरफॉल छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर से लगभग 38 किलोमीटर दूर कांगेर नेशनल पार्क में कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी इस खूबसूरत झरने का निर्माण करती है। इसकी ऊंचाई लगभग 300 फीट है और यह छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा जलप्रपात है। यह जलप्रपात पहाड़ी के सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है इस कारण पानी दुधिया दिखाई देता हैं जो देखने में बहुत ही मनमोहक होता है।
  • चित्रकूट जलप्रपात – यह इन्द्रावती नदी  में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर शहर से 38 किलोमीटर की दुरी पर चित्रकोट जलप्रपात स्थित है जिसकी चौड़ाई 985 फीट और 95 फीट है, ऊँचाई से गिरते हुए खूबसूरत दृश्य का निर्माण करती है जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से इसकी ओर खींचे चले आते हैं। यह जलप्रपात मौसम के अनुसार अपने चौड़ाई और ख़ूबसूरती को प्रकट करती है लेकिन इस झरने का रौद्र रूप मानसून में देखने को मिलता है जब इंद्रावती नदी लबालब भरी होती है।
  • चित्रधारा जलप्रपात यह जलप्रपात मौसमी जलप्रपात है जो केवल बरसात की मौसम में अपनी ख़ूबसूरती से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह बस्तर क्षेत्र के सबसे खूबसूरत झरनों में से के है यह जगदलपुर से केवल 19 किलोमीटर की दूरी पर है।

सवाल जवाब

जब भी हम कभी किसी पर्यटन स्थल जाते हैं तो उस स्थल से सम्बंधित कई सवाल हमारे मन में होते हैं इसलिए हमने कुछ सामान्य सवालों के जवाब नीचे दिए हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।

कुटुमसर की गुफा किस स्थलाकृति के लिये प्रसिद्ध है?

गुफा के भीतर चुने हुए पत्थर से बने स्टेलाइटाइट और स्टैलेग्माइट आकृतियां के लिए प्रसिद्ध है।

कुटुमसर गुफा कहां है?

यह गुफा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला में कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।

कुटुमसर गुफा को देखने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

इस गुफा को देखने का सबसे अच्छा समय ठंड का मौसम होता है, इस गुफा को मानसून में बंद कर दिया जाता है।

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