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खजराना मंदिर इंदौर : जानिए इंदौर के ‘खजराना गणेश मंदिर के बारे में

खजराना मंदिर : इंदौर शहर भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक हैं, पर्यटकों की दृष्टी से यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है जैसे राजसी महल, प्रभावशाली मंदिर और सुंदर धार्मिक स्थल उन्ही में से एक है खजराना गणेश मंदिर जो देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से

खजराना मंदिर इंदौर
खजराना मंदिर में स्थित गणेश जी की प्रतिमा

इंदौर का खजराना मंदिर

मध्य प्रदेश के इंदौर में खजराना गणेश मंदिर के चमत्कार भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं। यह देश का सबसे प्रमुख गणेश मंदिर है साथ ही यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। पौराणिक कथा के अनुसार, भक्तों की हर इच्छा खजराना गणेश में पूरी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद भगवान गणेश की मूर्ति की पीठ पर स्वस्तिक बनाते हैं।

यह मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। बुधवार और रविवार को ज्यादातर लोग प्रार्थना करने के लिए इस मंदिर में आते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार जो भक्त इस मंदिर में पूजा करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। मंदिर के मुख्य त्योहार विनायक चतुर्थी को अगस्त और सितंबर के महीनों में भव्य तरीके से मनाया जाता था।

खजराना गणेश मंदिर परिसर में 33 छोटे और बड़े मंदिर हैं। भगवान राम, शिव, माँ दुर्गा, साईं बाबा, और हनुमानजी सहित कई देवताओं के मंदिर हैं। मंदिर परिसर में एक प्राचीन पीपल का पेड़ भी है। इस पीपल के पेड़ को इच्छाधारी वृक्ष माना जाता है।

परंपरा के अनुसार, यदि कोई शुभ कार्य, जैसे शादी या जन्मदिन है तो भक्तों को सबसे पहले इस मंदिर में जाते हैं और सिंदूर का तिलक लगाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में आयोजित सभी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए पहला निमंत्रण खजराना गणेश में चढ़ाया जाता है।

खजराना गणेश मंदिर से जुडी यह मान्यता

इस मंदिर से जुडी मान्यता यह है की जो भी सच्चे मन से कमाना लेकर आते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है इसके अलावा मनोकामना पूरी होने पर भक्त खजराना मंदिर में स्थित गणेश की प्रतिमा के पीठ में स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं। और गणेश जी को लड्डुओं का भोग चढाते हैं।

इंदौर का खजराना मंदिर सबसे धनी मंदिरों में से एक है

यह मंदिर भारत का सबसे समृद्ध मंदिरों में से एक है। भक्तों के द्वारा चढ़ाये जाना वाला धन दौलत की वजह से यह भारत के सबसे धनी मंदिरों में शामिल है। जब से यहाँ ऑनलाइन दान, चढ़ावा देने का सिस्टम बनाया गया तब से लोग ऑनलाइन के द्वारा भी भारी संख्या में लोग ऑनलाइन चढ़ावा भेजते हैं।

खजराना मंदिर का इतिहास ( khajrana Ganesh Mandir History in Hindi)

इस मंदिर में स्थापित गणपति की मूर्ति को औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान एक कुएं में छुपाया गया था, जब देश भर के कई मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा था। वर्षों बाद, मंगल भट्ट नामक एक पंडित ने सपने में मूर्ति को पहचान लिया। रानी अहिल्या बाई होल्कर ने तब इसे हटा दिया और होलकर राजवंश की रानी अहिल्याबाई ने 1735 में इंदौर के खजराना में गणेश मंदिर की स्थापना की। यह एक छोटी सी झोपड़ी से एक बड़े मंदिर और शहर के सबसे पूजनीय मंदिर तक पहुंच गया है। इस मंदिर में सोने, हीरे और अन्य कीमती रत्नों का दान किया जाता है। गर्भगृह का द्वार और बाहरी दीवार चांदी से बनी है और यह विभिन्न मनोदशाओं और त्योहारों को चित्रित करती है। देवता की आंखें हीरे से बनी हैं, जिसे इंदौर के एक व्यापारी ने दान किया था। गर्भगृह की ऊपरी दीवार चांदी से बनी है।

खजराना गणेश मंदिर का फोटो


इंदौर में स्थित खजराना गणेश मंदिर कब और कैसे जायें

इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आप कभी भी जा सकते हैं और मंदिर तक पहुँचने के लिए आप अपने वाहन या टैक्सी बुक करके जा सकते हैं। भक्तों की मान्यता अनुसार बुधवार और सोमवार मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय होता है, इस दिन भारी संख्या में लोग भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं।

  • निकटतम बस स्टैंड : इंदौर बस स्टैंड
  • निकटतम रेलवे स्टेशन : इंदौर रेलवे स्टेशन
  • निकटतम हवाई अड्डा : अहिल्या बाई अंतराष्ट्रिय हवाई अड्डा इंदौर

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