Jharkhand ke Pramukh Mandir In Hindi : भारत मंदिरों की भूमि है यहाँ के हर राज्य में कई सारे मंदिर हैं जो काफी ज्यादा प्रसिद्धी लिए हुए हैं। अगर हम भारत के झारखंड राज्य की बात करें तो यहाँ कई सारे प्रमुख मंदिर है जो भक्तों को अपनी और आकर्षित करते हैं। झारखंड एक बड़ा भारतीय राज्य है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों के लिए जाना जाता है लेकिन यहाँ के मंदिर भी भक्तों के साथ साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं आइये जानते हैं झारखंड के प्रमुख मंदिर के बारे में
झारखंड के प्रमुख मंदिर
भारत के झारखण्ड राज्य पर प्रकृति मेहरबान है इसलिए तो इस राज्य का नाम झारखंड है लेकिन यहाँ प्राकृतिक स्थलों के अलावा कई प्रमुख मंदिर हैं जहाँ भक्त माथा टेकें अवश्य जाते है हमने इस लेख में झारखंड राज्य के प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिरों के बारे में बताया है आइये इन मंदिरों के बारे में जानते हैं
बैद्यनाथ मंदिर
बाबा बैद्यनाथ धाम जिसे लोग बैजनाथ धाम, बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर और बाबा धाम के नाम से भी जानते हैं। बैद्यनाथ मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो झारखंड राज्य के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इस मंदिर के निर्माण के पीछे की पौराणिक कथा काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1596 में पूरा हुआ। मंदिर रोजाना सुबह 4 बजे खुला रहता है और रात 9 बजे बंद हो जाता है। झारखंड में हर साल होने वाले श्रावणी मेले के दौरान हजारों भक्त मंदिर में आते हैं। शिव भक्त शिवलिंग पर पवित्र जल छिड़कते हैं।
जगन्नाथ मंदिर
झारखंड की राजधानी रांची में 17 वीं शताब्दी में बना जगन्नाथ मंदिर सबसे प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। इसकी स्थापना लगभग 327 साल पहले 1691 में नागवंशी राजा ठाकुर अन्नी नाथ शाहदेव द्वारा की गई थी। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है जो जिसकी वास्तुशिल्प ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर के समान है, जगन्नाथ मंदिर का अनोखा पहलू यह है कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि में पुरी की तरह ही यहां भी भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है।
मंदिर के प्रमुख पुजारी ब्रज भूषण मिश्रा के अनुसार, कृष्णावतार में सुभद्रा भगवान विष्णु से कहती हैं, भाई सभी लोग आपकी पूजा अर्चना करते हैं लेकिन भाई बलराम और मैं आपके भाई और बहन हैं इसलिए हमारी भी पूजा होनी चाहिए। भगवान विष्णु ने पनी बहन की बात सुनकर कहा की कलयुग में जगन्नाथ के रूप में मेरे साथ साथ आप दोनों की पूजा की जाएगी। इस मान्यता के अनुसार, भगवान बलराम और उनकी बहन सुभद्रा, दोनों जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के साथ पूजे जाते हैं।
दिउड़ी मंदिर
सोलहभुजी माँ दुर्गा , रांची-जमशेदपुर रोड पर दिउरी गाँव में स्थित है। यह विश्वास और आस्था का एक अविश्वसनीय स्थान है। इस माता का मंदिर बहुत पुराना है। यहाँ हजारों के अलावा क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भी माता के चरण में माथा टेकने जाते हैं।
मंदिर के गर्भगृह में मां की 16 भुजी प्रतिमा स्थापित है। मां की मूर्ति साढ़े तीन फीट ऊंची है और काले पत्थर के खंड पर उकेरी गई है। माता के बाएं चार हाथ धनुष, ढाल, परम, और पुष्प धारण करते हैं, लेकिन उनके दाहिने चार हाथों में आयुध चोट के कारण अस्पष्ट है। देवी का दाहिना हाथ तलवार, बाण, डमरू, गदा, शंख और त्रिशूल जैसी भुजाओं से युक्त है। उनका बायां पैर मुड़ा हुआ है, जबकि उनका दायां पैर कमल की स्थिति में है। बाजूबंद, कमरकोट, झुमके और अन्य आभूषण उसे सुशोभित करते हैं।
हरिहर धाम
भारत में कई भगवान शिव के मंदिर हैं लेकिन हरिहर धाम ‘चट मंगनी पट विवाह’ के लिए जाना जाता है। हरिहर धाम झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है, और अपने विशाल शिवलिंग के लिए पर्यटकों और हिंदू भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है, जो 65 फीट ऊंचा है। यह मंदिर नदी से घिरा हुआ है और 25 एकड़ में फैला है। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन, देश भर से भक्त इस मंदिर में आते हैं
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